tag:blogger.com,1999:blog-4074732043239288798.post3219857665396802223..comments2023-09-22T10:21:51.080-07:00Comments on अनसुनी आवाज: भाषायी पत्रकारिता को सलामAnnu Anand अन्नू आनंदhttp://www.blogger.com/profile/16569014454732741730noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4074732043239288798.post-83727209221709275312008-12-27T08:21:00.000-08:002008-12-27T08:21:00.000-08:00बहुत अच्छी जानकारी। यह आपके लिए सूचना कि मंदी का ...बहुत अच्छी जानकारी। यह आपके लिए सूचना कि मंदी का भी इन्ही के लिए ज्यादा है। इन्होंने अपना लोकल नेटवर्क नही बनाया। जबकि भाषाई अखवार अपना लोकल नेटवर्क बनाकर स्थानीय स्तर पर आय अर्जन में लगे है।bijnior districthttps://www.blogger.com/profile/02245457778160306799noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4074732043239288798.post-5587609393673816642008-12-27T07:16:00.000-08:002008-12-27T07:16:00.000-08:00यह खुशी की बात है कि भारत का सबसे बड़ा अखबार भी पहल...यह खुशी की बात है कि भारत का सबसे बड़ा अखबार भी पहले दस अखबारों में जगह नहीं रखता। लेकिन असली खुशी तब होगी जब इनको सरकारी विज्ञापन देना बन्द कर दिया जाता और जो भाषायी अखबार अपने दम पर लोकप्रिय हैं उन्हें और प्रोत्साहन दिया जाता। यदि ऐसा हो तो इन सभी अंग्रेजी अखबारों के बन्द होने की नौबत आ जाती और भारतीय भाषाओं के लिये वह स्वर्णिम दिन होता।अनुनाद सिंहhttps://www.blogger.com/profile/05634421007709892634noreply@blogger.com